बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 हिन्दी - हिन्दी का राष्ट्रीय काव्य बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 हिन्दी - हिन्दी का राष्ट्रीय काव्यसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 हिन्दी - हिन्दी का राष्ट्रीय काव्य - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- 'सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' एक क्रान्तिकारी कवि थे।' इस दृष्टि से उनकी काव्यगत प्रवृत्तियों की समीक्षा कीजिए।
अथवा
निराला के काव्य के क्रान्तिकारी स्वरूप पर टिप्पणी लिखिए।
अथवा
निराला के क्रान्तिकारी व्यक्तित्व पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
अथवा
कवि निराला की काव्यगत विशेषताओं पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
अथवा
निराला के काव्य शिल्प की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
अथवा
निराला की विद्रोही चेतना पर प्रकाश डालिए।
उत्तर -
क्रान्तिदर्शी कवि 'निराला' हिन्दी जगत के उन कवियों में अग्रदूत हैं, जो कभी किसी के द्वारा बाँधे नहीं जा सके। वे तो मस्तमौला और फक्कड़ाना स्वभाव के कलाकार हैं। उन्हें जो प्रतीत हुआ, बिना किसी लाग लपेट के कह डाला। यही वजह है कि निराला कभी एक स्थान पर स्थित नहीं रह सके। वे चलते रहे और विद्रोह करते रहे जो उन्होंने कहा और नहीं जमा हो उसे भी नकार दिया। यही कारण है कि उनके काव्य में कथन और शिल्प दोनों देखे जा सकते हैं।"
निराला जी की काव्यगत विशेषताएँ
निराला जी की काव्यगत विशेषताओं का वर्णन निम्नलिखित दो शीर्षकों के अन्तर्गत किया जा सकता है -
(1) भाव पक्ष
(2) कला पक्ष।
भाव पक्ष - निराला जी का काव्यभाव पक्ष की दृष्टि से अत्यन्त सबल और प्रौढ़ है। उनके काव्य का भाव पक्ष उनके व्यक्तित्व के अनुरूप ही है। आपकी कविता में भाव पक्ष की दृष्टि से अग्रांकित विशेषताएँ उपलब्ध होती हैं -
1. प्रेम का निरूपण : निराला जी के काव्य में 'प्रेम' तत्व का बहुत भव्य चित्रण मिलता है। प्रेम उनके काव्य की महान प्रेरणा है। उनके काव्य में प्रेम कहीं तो पुरुष के माध्यम से व्यक्त हुआ है और कहीं स्त्री के माध्यम से। वे मौन प्रेमी हैं इसलिए उन्होंने लिखा है
"दिव्य देह धारी ही कूदते हैं इसमें
प्रिय पाते हैं प्रेमामृत पीकर अमर होते हैं।'
2. सौन्दर्य भावना : निराला सौन्दर्य प्रेमी कवि थे। उनके काव्य में सौन्दर्य के स्थूल और सूक्ष्म दोनों रूपों के दर्शन होते हैं।
नारी के नेत्रों से सौन्दर्य का वर्णन देखिए -
"हारे हैं सारे नेत्र; नेत्रों को हेरफेर,
विश्वभर को मदोन्मत करने की मादकता।
भरी है विधाता ने इन्हीं दोनों नेत्रों में।'
3. मानवतावादी भावना - निराला मानवतावादी कवि थे। उन्होंने अपने काव्य में सम्पूर्ण मानवता के कल्याण की भावना व्यक्त की है। इसके अतिरिक्त जहाँ तक मानवता से प्रेम करने की बात है, उसका सबल प्रमाण उनकी प्रगतिवादी कविता है।
4. देश-प्रेम की अभिव्यक्ति - निराला के काव्य में देश-प्रेम की अभिव्यक्ति देखी जा सकती है। निराला जी चाहते थे कि देश का भाग्योदय हो और जन-मन आनन्द विभोर हो उठे। 'जागो फिर एक बार' 'छत्रपति शिवाजी का पत्र उनके देश-प्रेम की कविताएँ हैं। एक उदाहरण देखिए-
"सोचो तुम
उठती नग्न तलवार तब स्वतन्त्रता की
कितने ही भावों से
याद दिलाकर दुःख दारुण परतन्त्रता की
फूंकती स्वतन्त्रता निज नेत्र से तब व्याकुल कान
कौन वह सुझे, जो रेणु-रेणु न हो जाय।'
5. छायावादी भावना - निराला जी का छायावाद सभी श्रेष्ठ लक्षणों से युक्त है। उनकी छायावादी कविता ने हिन्दी काव्य को नवीन भाषा, नये छन्द, नई शैली, नये अलंकार और नई दिशा प्रदान की।
6. रहस्यवादी भावना - निराला के काव्य में सर्वत्र रहस्यवाद की अभिव्यक्ति पाई जाती है। उनकी शायद ही कोई ऐसी कविता हो जिसमें रहस्यवाद की अभिव्यक्ति न हो। वे जीवन के दुःख को माया कहकर नहीं टाल देते, बल्कि उससे संघर्ष करते हैं -
"मेरा अन्तर ब्रज कठोर
देना जी भरकर झकझोर
मेरे दुःख का गहन अन्धतम
निशि कभी न हो भोर
क्या होगी इतनी उज्ज्वलता
क्या वन्दन अभिनन्दन
7. निराला और प्रगतिवाद : समाज के शोषित वर्ग के प्रति निराला के मन में सहज सहानुभूति . है। निराला जैसा कवि यह कैसे देख सकता है कि भव्य और उन्नत प्रासादों में नीचे निरीह कीड़े बिलबिला रहे हों। प्रगतिवादी कवि के नाते उनके दिल में शोषित और दुःखी मानव के लिए सहज सहानुभूति है
"वह आता,
दो टूक कलेजे के करता,
पछताया पथ पर आता।
पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक,
मुट्ठी भर दाने को,
भूख मिटाने को
मुंह फटी पुरानी झोली को फैलाता '
8. निराला और प्रकति चित्रण - निराला जी ने जी भरकर प्रकृति के दर्शन किये। यही कारण है कि उनके काव्य में प्रकृति विविध रूपों में चित्रित हुई है। उद्दीपन रूप में प्रकृति चित्रण देखिए -
"अर्ध रात्रि की निश्चिलता में हो जाती है जब लीन
कवि का बढ़ जाता अनुराग,
विरहाकुल कमलीय कंठ से,
आप निकल पड़ता तब एक विहाग'
कला पक्ष - निराला जी आरम्भ से ही विद्रोही कवि के रूप में हिन्दी साहित्य में अवतीर्ण हुए। प्राचीनता के प्रति आकर्षण उनकी कविता में आदि से अन्त तक बना हुआ है। उनके काव्य में कला पक्ष की दृष्टि से निम्नांकित विशेषताओं के दर्शन होते हैं-
1. भाषा - भाषा के क्षेत्र में निराला जी ने नवीन प्रयोग किए हैं। उनकी भाषा में संस्कृत की तत्सम शब्दावली का प्रयोग अधिक है। कहीं-कहीं सामान्य शब्दावली द्वारा ही विस्तृत भाव भर दिये हैं। " सरोज स्मृति' की निम्नलिखित पंक्तियाँ देखिए -
"दुःख ही जीवन की कथा रही
क्या कहूँ आज जो नहीं कही।'
कई स्थानों पर निराला एकदम सामान्य भाषा का प्रयोग करते हैं -
एन्ट्स पास है लड़की वह,
बोले मुझसे छब्बीस हो तो,
वर की उम्र ठीक ही है,
लड़की भी अठारह की है।
2. लक्षणात्मक प्रयोग - निराला जी की कविताओं में लक्षणात्मक प्रयोग अधिक मिलते हैं। लक्षणात्मक प्रयोग का एक उदाहरण देखिए -
"गन्ध-व्याकुल- कुल उर स्वर
लहर खुलकर कमल मुख पर
हर्ष अलि हर स्पर्श शर-शर
गूंज बारंबार (रे कह) '
3. छन्द योजना - छन्द योजना के क्षेत्र में भी निराला जी ने नवीनता का परिचय दिया है। उन्होंने अपने काव्य में प्राचीन काल से चले आ रहे छन्दों को स्थान नहीं दिया। उन्होंने स्वयं नवीन मुक्त छन्दों की सृष्टि की और छन्दों को भावों के प्रकाशन के लिए श्रेष्ठ माना -
"मुक्त छन्द,
सहज प्रकाशन वह मन कर
निज भाषों को प्रकट अकृत्तिम चित्र।'
4. अलंकार योजना - निराला जी ने अपने काव्य में अलंकारों का प्रयोग बहुत ही स्वाभाविक और सजीव ढंग से किया है। आपके काव्य में रूपक, उत्प्रेक्षा, सन्देह, यमक, उपमा, उदात्त आदि अलंकारों का विशेष प्रयोग हुआ है। उपमा अलंकार का एक उदाहरण देखिए -
"किसी गूढ़ मर्म में निश्चित
शक्ति का मुख ज्योत्स्ना सा गात।'
उपर्युक्त विवेचन से यह निष्कर्ष निकलता है कि निराला जी का काव्य जीवन में श्रेष्ठतम मूल्यों से अनुप्राणित था, इसलिए उनका काव्य हिन्दी साहित्य के भण्डार की अमूल्य निधि है। निराला के काव्य में छायावाद, प्रगतिवाद, रहस्यवाद, भाव-सौन्दर्य, कला - सौन्दर्य आदि सभी की सफल अभिव्यक्ति हुई है।
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- अध्याय - 1 चंदबरदाई : पृथ्वीराज रासो के रेवा तट समय के अंश
- प्रश्न- रासो की प्रमाणिकता पर विचार कीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो महाकाव्य की भाषा पर अपना मत स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो को जातीय चेतना का महाकाव्य कहना कहाँ तक उचित है। तर्क संगत उत्तर दीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो के सत्ताइसवें सर्ग 'रेवा तट समय' का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- रासो शब्द की व्युत्पत्ति के सम्बन्ध में प्राप्त मतों का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो' में अभिव्यक्त इतिहास पक्ष की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विद्यापति भोग के कवि हैं? क्यों?
- अध्याय - 2 जगनिक : आल्हा खण्ड
- प्रश्न- जगनिक के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- जगनिक कृत 'आल्हाखण्ड' का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- आल्हा की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कवि जगनिक द्वारा आल्हा ऊदल की कथा सृजन का उद्देश्य वर्णित कीजिए। उत्तर -
- प्रश्न- 'आल्हा' की कथा का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कवि जगनिक का हिन्दी साहित्य में स्थान निर्धारित कीजिए।
- अध्याय - 3 गुरु गोविन्द सिंह
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह की रचनाओं पर अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह' की भाषा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिख धर्म में दशम ग्रन्थ का क्या महत्व है?
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह के पश्चात् सिख धर्म में किस परम्परा का प्रचलन हुआ?
- अध्याय - 4 भूषण
- प्रश्न- महाकवि भूषण का संक्षिप्त जीवन और साहित्यिक परिचय दीजिए।
- प्रश्न- भूषण ने किन काव्यों की रचना की?
- प्रश्न- भूषण की वीर भावना का स्वरूप क्या है?
- प्रश्न- वीर भावना कितने प्रकार की होती है?
- प्रश्न- भूषण की युद्ध वीर भावना की उदाहरण सहित विवेचना कीजिए।
- अध्याय - 5 भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
- प्रश्न- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की शैलीगत विशेषताओं को निरूपित कीजिए।
- प्रश्न- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के काव्य की भाव-पक्षीय विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की भाषागत विशेषताओं का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- भारतेन्दु जी के काव्य की कला पक्षीय विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- भीतर भीतर सब रस चूस पद की व्याख्या कीजिए।
- अध्याय - 6 अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
- प्रश्न- अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' का जीवन परिचय दीजिए।
- प्रश्न- अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' के काव्य की भाव एवं कला की भाव एवं कलापक्षीय विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिद्ध कीजिए अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' द्विवेदी युग के प्रतिनिधि कवि हैं।
- प्रश्न- हरिऔध जी का रचना संसार एवं रचना शिल्प पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रिय प्रवास की छन्द योजना पर विचार कीजिए।
- प्रश्न- 'जन्मभूमि' कविता में कवि हरिऔध जी का देश की भूमि के प्रति क्या भावना लक्षित होती है?
- अध्याय - 7 मैथिलीशरण गुप्त
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त का जीवन-परिचय देते हुए उनकी रचनाओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'गुप्त जी राष्ट्रीय कवि की अपेक्षा जातीय कवि अधिक हैं। उपर्युक्त कथन की युक्तिपूर्ण विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुप्त जी के काव्य के कला-पक्ष की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त की कविता मातृभूमि का भाव व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त किस कवि के रूप में विख्यात हैं? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'मातृभूमि' कविता में मैथिलीशरण गुप्त ने क्या पिरोया है?
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त के प्रथम काव्य संग्रह का क्या नाम है? साकेत की कथावस्तु का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त ने आर्य शीर्षक कविता में क्या उल्लेख किया है?
- अध्याय - 8 जयशंकर प्रसाद
- प्रश्न- सिद्ध कीजिए "प्रसाद का प्रकृति-चित्रण बड़ा सजीव एवं अनूठा है।'
- प्रश्न- महाकवि जयशंकर प्रसाद के काव्य में राष्ट्रीय चेतना का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- 'प्रसाद' के कलापक्ष का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- 'अरुण यह मधुमय देश हमारा' कविता का सारांश / सार/ कथ्य अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- प्रसाद जी द्वारा रचित राष्ट्रीय काव्यधारा से ओत-प्रोत 'प्रयाण गीत' का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- जयशंकर प्रसाद जी का हिन्दी साहित्य में स्थान निर्धारित कीजिए।
- प्रश्न- प्रसाद जी के काव्य में नवजागरण की मुख्य भूमिका रही है। तथ्यपूर्ण उत्तर दीजिए।
- अध्याय - 9 सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
- प्रश्न- 'सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' एक क्रान्तिकारी कवि थे।' इस दृष्टि से उनकी काव्यगत प्रवृत्तियों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- 'निराला ओज और सौन्दर्य के कवि हैं। इस कथन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- निराला के काव्य-भाषा पर एक निबन्ध लिखिए। यथोचित उदाहरण भी दीजिए।
- प्रश्न- निराला के जीवन का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- निराला के काव्य में अभिव्यक्त वैयक्तिकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निराला के काव्य में प्रकृति का किन-किन रूपों में चित्रण हुआ है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निराला के साहित्यिक जीवन का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- निराला की सांस्कृतिक चेतना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निराला की विद्रोहधर्मिता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- महाकवि निराला जी की 'भारती जय-विजय करे' कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 10 माखनलाल चतुर्वेदी
- प्रश्न- माखनलाल चतुर्वेदी के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- "कवि माखनलाल चतुर्वेदी जी के काव्य में राष्ट्रीय चेतना लक्षित होती है।" इस कथन की सोदाहरण पुष्टि कीजिए।
- प्रश्न- 'माखनलाल जी' की साहित्यिक साधना पर प्रकाश डालिए?
- प्रश्न- माखनलाल चतुर्वेदी ने साहित्य रचना का महत्व किस प्रकार प्रकट किया?
- प्रश्न- साहित्य पत्रकारिता में माखन लाल चतुर्वेदी का क्या स्थान है
- प्रश्न- 'पुष्प की अभिलाषा' कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा रचित 'जवानी' कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 11 सुभद्रा कुमारी चौहान
- प्रश्न- कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन और साहित्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सुभद्रा कुमारी चौहान किस कविता के माध्यम से क्रान्ति का स्मरण दिलाती हैं?
- प्रश्न- 'वीरों का कैसा हो वसंत' कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- 'झाँसी की रानी' गीत का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 12 बालकृष्ण शर्मा नवीन
- प्रश्न- पं. बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' जी का जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कवि बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' जी की राष्ट्रीय चेतना / भावना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'विप्लव गायन' गीत का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- नवीन जी के 'हिन्दुस्तान हमारा है' गीत का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- कवि बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' स्वाधीनता के पुजारी हैं। इस कथन को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
- अध्याय - 13 रामधारी सिंह 'दिनकर'
- प्रश्न- दिनकर जी राष्ट्रीय चेतना और जनजागरण के कवि हैं। विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- "दिनकर" के काव्य के भाव पक्ष को निरूपित कीजिए।
- प्रश्न- 'दिनकर' के काव्य के कला पक्ष का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- रामधारी सिंह दिनकर का संक्षिप्त जीवन-परिचय दीजिए।
- प्रश्न- दिनकर जी द्वारा विदेशों में किए गए भ्रमण पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- दिनकर जी की काव्यधारा का क्रमिक विकास बताइए।
- प्रश्न- शहीद स्तवन (कलम आज उनकी जयबोल) का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- दिनकर जी की 'हिमालय' कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 14 श्यामलाल गुप्त 'पार्षद'
- प्रश्न- कवि श्यामलाल गुप्त का जीवन परिचय एवं राष्ट्र चेतना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- झण्डा गीत का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- पार्षद जी ने स्वाधीनता आन्दोलन में शामिल होने के कारण क्या-क्या कष्ट सहन किये।
- प्रश्न- श्यामलाल गुप्त पार्षद के हिन्दी साहित्य में योगदान के लिए क्या सम्मान मिला?
- अध्याय - 15 श्यामनारायण पाण्डेय
- प्रश्न- श्यामनारायण पाण्डे के जीवन और साहित्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- श्यामनारायण पाण्डेय ने राष्ट्रीय चेतना का संचार किस प्रकार किया?
- प्रश्न- श्यामनारायण पाण्डेय द्वारा रचित 'चेतक की वीरता' कविता का सार लिखिए।
- प्रश्न- 'राणा की तलवार' कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- अध्याय - 16 द्वारिकाप्रसाद माहेश्वरी
- प्रश्न- प्रसिद्ध बाल कवि द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी का जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'उठो धरा के अमर सपूतों' का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- वीर तुम बढ़े चलो गीत का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 17 गोपालप्रसाद व्यास
- प्रश्न- कवि गोपालप्रसाद 'व्यास' का एक राष्ट्रीय कवि के रूप में परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कवि गोपाल प्रसाद व्यास किस भाषा के मर्मज्ञ माने जाते थे?
- प्रश्न- गोपाल प्रसाद व्यास द्वारा रचित खूनी हस्ताक्षर कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- "शहीदों में तू अपना नाम लिखा ले रे" कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- अध्याय - 18 सोहनलाल द्विवेदी
- प्रश्न- कवि सोहनलाल द्विवेदी जी का जीवन और साहित्य क्या था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कवि सोहनलाल द्विवेदी के काव्य में समाहित राष्ट्रीय चेतना का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'मातृभूमि' कविता का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- 'तुम्हें नमन' कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- कवि सोहनलाल द्विवेदी जी ने महात्मा गाँधी को अपने काव्य में क्या स्थान दिया है?
- प्रश्न- सोहनलाल द्विवेदी जी की रचनाएँ राष्ट्रीय जागरण का पर्याय हैं। स्पष्ट कीजिए।
- अध्याय - 19 अटल बिहारी वाजपेयी
- प्रश्न- कवि अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- अटल बिहारी वाजपेयी के कवि रूप पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अटल जी का काव्य जन सापेक्ष है। सिद्ध कीजिए।
- प्रश्न- अटल जी की रचनाओं में भारतीयता का स्वर मुखरित हुआ है। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कदम मिलाकर चलना होगा कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- उनकी याद करें कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 20 डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक'
- प्रश्न- डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' के जीवन और साहित्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निशंक जी के साहित्य के विषय में अन्य विद्वानों के मतों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक'के साहित्यिक जीवन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हम भारतवासी कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- मातृवन्दना कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 21 कवि प्रदीप
- प्रश्न- कवि प्रदीप के जीवन और साहित्य का चित्रण कीजिए।
- प्रश्न- कवि प्रदीप की साहित्यिक अभिरुचि का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कवि प्रदीप किस विचारधारा के पक्षधर थे?
- प्रश्न- 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत का आधार क्या था?
- प्रश्न- गीतकार और गायक के रूप में कवि प्रदीप की लोकप्रियता कब हुई?
- प्रश्न- स्वतन्त्रता आन्दोलन में कवि प्रदीप की क्या भूमिका रही?
- अध्याय - 22 साहिर लुधियानवी
- प्रश्न- साहिर लुधियानवी का साहित्यिक परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'यह देश है वीर जवानों का' गीत का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- साहिर लुधियानवी के गीतों में किन सामाजिक समस्याओं को उठाया गया है?
- अध्याय - 23 प्रेम धवन
- प्रश्न- गीतकार प्रेम धवन के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- गीतकार प्रेम धवन के गीत देशभक्ति से ओतप्रोत हैं। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 'छोड़ों कल की बातें' गीत किस फिल्म से लिया गया है? कवि ने इसमें क्या कहना चाहा है?
- प्रश्न- 'ऐ मेरे प्यारे वतन' गीत किस पृष्ठभूमि पर आधारित है?
- अध्याय - 24 कैफ़ी आज़मी
- प्रश्न- गीतकार कैफी आज़मी के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- "सर हिमालय का हमने न झुकने दिया।" इस पंक्ति का क्या भाव है?
- प्रश्न- "कर चले हम फिदा जानोतन साथियों" गीत का प्रतिपाद्य / सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- सैनिक अपनी मातृभूमि के प्रति क्या भाव रखता है?
- अध्याय - 25 राजेन्द्र कृष्ण
- प्रश्न- गीतकार राजेन्द्र कृष्ण के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती हैं बसेरा' गीत का मूल भाव क्या है?
- अध्याय - 26 गुलशन बावरा
- प्रश्न- गीतकार गुलशन बावरा के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'मेरे देश की धरती सोना उगले गीत का प्रतिपाद्य लिखिए। '
- अध्याय - 27 इन्दीवर
- प्रश्न- गीतकार इन्दीवर के जीवन और फिल्मी कैरियर का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 'है प्रीत जहाँ की रीत सदा' गीत का मुख्य भाव क्या है?
- प्रश्न- गीतकार इन्दीवर ने किन प्रमुख फिल्मों में गीत लिखे?
- अध्याय - 28 प्रसून जोशी
- प्रश्न- गीतकार प्रसून जोशी के जीवन और साहित्य का चित्रण कीजिए।
- प्रश्न- 'देश रंगीला रंगीला' गीत में गीतकार प्रसून जोशी ने क्या चित्रण किया है?
- प्रश्न- 'देश रंगीला रंगीला' गीत में कवि ने इश्क का रंग कैसा बताया है?